शनिवार, 28 जनवरी 2017

अनमोल प्यार बिन मोल बिके इस दुनिया के बाज़ार में

 अनमोल प्यार बिन मोल बिके
इस दुनिया के बाज़ार में 
इन्सान और ईमान बिके 
इस दुनिया के बाज़ार में 
 अनमोल प्यार बिन मोल बिके

खिलते ही इस फुलवारी में
प्यार की कलियाँ जल जाती हैं 
दिल की दिल में रह जाती है
चाँदनी रातें ढल जाती हैं
कितने ही सन्सार उजड़ जाते हैं इस सन्सार में
इस दुनिया के बाज़ार में
ओ अनमोल प्यार बिन मोल बिके

दिन के उजाले में भी कोई
हमको लूट के चल देता है 
प्यार भरा अरमान भरा ये
दिल पैरों से कुचल देता है 
चमन हमारी उम्मीदों के सूखे भरी बहार में 
इस दुनिया के बाज़ार में
अनमोल प्यार बिन मोल बिके

धन दौलत के दूध पे हमने
पाप के साँप को पलते देखा
उलटी रीत कि इस दुनिया में
सुबह को सूरज ढलते देखा 
बोल यही इन्साफ़ है क्या मालिक तेरे दरबार में 
इस दुनिया के बाज़ार में
 अनमोल प्यार बिन मोल बिके
इस दुनिया के बाज़ार में 
 अनमोल प्यार बिन मोल बिके

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